Waqt Shayari | वक़्त शायरी इन हिंदी | Waqt Par Shayari | Shayari on Waqt | Waqt Shayari 2 Lines Status | Bura Waqt
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Waqt Shayari
जनाब मालूम नहीं था की ऐसा भी एक वक़्त आएगा, |
जनाब मालूम नहीं था की ऐसा भी एक वक़्त आएगा, इन बेवक़्त मौसमों की तरह तू भी क्षणभर में यु बदल जायेगा।

वक़्त लगता है खुद को बनाने मे, |
वक़्त लगता है खुद को बनाने मे, इसलिए वक़्त बर्बाद मत करो किसी को मानाने में।

बेवजह तुम्हें यु याद करना, |
बेवजह तुम्हें यु याद करना, बेवजह दोस्तो को यु परेशान करना, फिजूल ही था तुम पर वक्त बर्बाद करना।

लगा कर हमे आदत अपनी इस मोहब्बत की अब, |
लगा कर हमे आदत अपनी इस मोहब्बत की अब, कहते हो दूर रहो हमसे मेरे पास वक़्त नही अब।

आँखों की नमी बढ़ गई, |
आँखों की नमी बढ़ गई, बातों के सिलसिले कम हो गए, जनाब ये वक़्त बुरा नहीं है, बुरे तो हम हो गए।

Waqt Status in hindi
खफा हम किसी से नहीं जनाब बस जरा वक़्त की कमी है, |
खफा हम किसी से नहीं जनाब बस जरा वक़्त की कमी है, आसमान में उड़ने का एक ख्वाब है और पैरों तले जमीं है।

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आँखो में यु समन्दर लिए किनारे कि तलाश में हूँ, |
आँखो में यु समन्दर लिए किनारे कि तलाश में हूँ, इस वक्त को वक्त देकर वक्त पाने कि आस में हूँ।

वक़्त के साथ वक़्त से ही लड़ रहें है, |
वक़्त के साथ वक़्त से ही लड़ रहें है, वक़्त के ही खेल में वक़्त से आगे निकल रहें है।

इस वक़्त का मारा हु जनाब, |
इस वक़्त का मारा हु जनाब, वक़्त पलटने की राह देख रहा हूं, कभी मै भी शेर था अपने उस जंगल का, पर आज वक़्त का शिकार हो गया हूं।

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वो खूबसूरत बचपन सबको याद आता है, |
वो खूबसूरत बचपन सबको याद आता है, जो वक्त के साथ यु बीत जाता है।

Shayari on Waqt
कुछ और वक्त बेशक लगा कर आना, |
कुछ और वक्त बेशक लगा कर आना, लेकिन जरूर कुछ वक्त लेकर आना।

वो वक़्त भी बहुत खास होता है, |
वो वक़्त भी बहुत खास होता है, जब सर पर माता पिता का हाथ होता है।

ये वक्त गुजरता रहता है, |
ये वक्त गुजरता रहता है, इंसान भी बदलता रहता है, संभाल लो खुद को तुम जनाब, वक्त खुद चीख कर कहता है।

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इश्क़ का लम्हा महज़ एक वक़्त का फ़साना है, |
इश्क़ का लम्हा महज़ एक वक़्त का फ़साना है, और वक़्त की तो फ़ितरत ही बदल जाना है।

सुनो कभी तोहफे में घड़ी दी थी तुमने, |
सुनो कभी तोहफे में घड़ी दी थी तुमने, अब जब भी देखती हूं तो यही ख्याल आता है, काश तुम थोड़ा वक़्त भी देते।

वक़्त शायरी इन हिंदी
सँवारा वक्त ने उसको जिसने वक्त का सही मतलब समझा, |
सँवारा वक्त ने उसको जिसने वक्त का सही मतलब समझा, वरना वक्त का महत्व क्या हैं ये तो बस वक्त का मारा ही बता सकता हैं।

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वो वक्त सी थी जो गुजर गई, |
वो वक्त सी थी जो गुजर गई, और मैं यादों सा था जो ठहर गया।

जनाब तौबा करना अपना वक़्त किसी का करने से, |
जनाब तौबा करना अपना वक़्त किसी का करने से, खुद की ज़िन्दगी का हिसाब नही कराया जाता औरों से।

हर बार वक्त को दोष देना ठीक नहीं हैं, |
हर बार वक्त को दोष देना ठीक नहीं हैं, कभी कभी ये लोग ही बुरे होते हैं।

मेरे और तुम्हारे दरमियां हुनर का अंतर है जनाब, |
मेरे और तुम्हारे दरमियां हुनर का अंतर है जनाब, क्योंकि हमको सिखाया है वक्त ने, और आप को सिखाया है किताब ने।

Time Shayari in Hindi
जनाब सब कुछ तो था उनके पास, |
जनाब सब कुछ तो था उनके पास, काश कुछ वक्त भी होता हमारे लिये उनके पास

वक़्त तो वार करता है, |
वक़्त तो वार करता है, अपने भी वार करते हैं, पर दर्द तब ज्यादा होता है, जब दोनों इकट्ठे वार करते हैं।

कुछ लोग यहाँ वक्त की तरह होते हैं, |
कुछ लोग यहाँ वक्त की तरह होते हैं, साथ तो चल सकते हैं, पर हमारे लिए रुक नहीं सकते हैं।

सुनो ये जो वक़्त तुम्हारे बिना गुज़रता है ना, |
सुनो ये जो वक़्त तुम्हारे बिना गुज़रता है ना, बस अपनी ज़िंदगी के इसी हिस्से से बहुत नफ़रत है मुझे।

कितना निराला होता है ना ये बुरा वक़्त भी जनाब, |
कितना निराला होता है ना ये बुरा वक़्त भी जनाब, कोई अकेला रहना चाहता है, तो कमबख्त कोई किसी के साथ।

Bura Waqt Shayari
ये वक़्त ही था जिसने मुझे बदनाम किया है, |
ये वक़्त ही था जिसने मुझे बदनाम किया है, वरना गिने जाते थे हम भी कभी उन शरीफों में।

सुना है कुछ लोगो का वक़्त बुरा सा चल रहा है, |
सुना है कुछ लोगो का वक़्त बुरा सा चल रहा है, और वो हैं कि नफरत हम ही से कर रहे हैं।

मैं जिसके साथ होकर वक्त को भूल जाता था, |
मैं जिसके साथ होकर वक्त को भूल जाता था, वो वक्त के साथ मुझे भूल गयी है।

ज़िन्दगी की भी अजीब सी कहानी है, |
ज़िन्दगी की भी अजीब सी कहानी है, किसी के साथ हम वक़्त को भूल जाते है, तो कोई वक़्त के साथ हमे भूल जाते है।

हमारे ख़ातिर ज़रा कुछ पल उधार लेके आओ, |
हमारे ख़ातिर ज़रा कुछ पल उधार लेके आओ, वक्त मिले तो हमारे लिए भी कुछ वक्त ले आओ।

Waqt Shayari in Hindi
वक़्त ने क्या खूब खेल खेला मेरे दिल के साथ, |
वक़्त ने क्या खूब खेल खेला मेरे दिल के साथ, हार गए सभी खेल हम जीतने के बाद।

न गलत था वो, |
न गलत था वो, न गलत थे हम, गलत था सिर्फ वक़्त, जो ग़लत वक़्त पर, गलत जगह रुक गया।

आज वक्त यु मुझसे टकरा गया, |
आज वक्त यु मुझसे टकरा गया, मै देखता रहा और वो शरमा गया, वक्त मुझे तब देखकर बोला, बड़ा जिद्दी है तू इसलिए मैं आ गया।

वक़्त की बात है कभी हँसा जाती है तो कभी रुला जाती है, |
वक़्त की बात है कभी हँसा जाती है तो कभी रुला जाती है, ये इंतजार है साहब कुछ भी कर लो तड़पा कर जाती है।

अपनों ने धोखा दिया तो अजनबियों से वास्ता जुड़ गया है, |
अपनों ने धोखा दिया तो अजनबियों से वास्ता जुड़ गया है, वक़्त की खबर न थी बस जो था वही मुकद्दर बन गया है।

घड़ी की उन सुईयो की तरफ तो देखो दोस्त, |
घड़ी की उन सुईयो की तरफ तो देखो दोस्त, जिंदगी जरूर थम गई है लेकिन वक्त अभी भी चल रहा है।

जिंदगी में सबको मैं अपना बनाते गया, |
जिंदगी में सबको मैं अपना बनाते गया, पर मैं गलत साबीत होता गया, वक्त आने पर सब ने मुझे, अपना अपना असली रंग दिखा ही दिया।

अपने बीते हुए वक़्त के लौट आने की आस मे, |
अपने बीते हुए वक़्त के लौट आने की आस मे, बैठा हुआ इंसान खुद का आज गवा रहा है।

वक्त ने भी क्या अजीब करवट बदली है जनाब, |
वक्त ने भी क्या अजीब करवट बदली है जनाब, जिनको सिखाया था हमने कभी चलना संभलकर, वो भी रहते है हमसे अपने तेवर बदलकर।

सच बता ऐ वक़्त तू खफा है ना मुझसे, |
सच बता ऐ वक़्त तू खफा है ना मुझसे, वरना यूँही तो कोई हर रोज रुलाता नहीं है।

वक़्त के साथ पसंद बदल सकती है पर मुहब्बत कभी नहीं, |
वक़्त के साथ पसंद बदल सकती है पर मुहब्बत कभी नहीं, और जो बदल जाए वो मुहब्बत है ही नहीं।

वक्त कि जब मार पढ़ती है ना, |
वक्त कि जब मार पढ़ती है ना, तब संभलने का मौका तो छोडो, आँसू निकालने का समय भी नही मिलता है।

जनाब अच्छे तो सब होते है, |
जनाब अच्छे तो सब होते है, पर सबकी पहचान तो बूरे वक्त में होती है।

कभी तर्जूबे याद करता हूं, |
कभी तर्जूबे याद करता हूं, कभी वक्त का हाथ थाम लेता हूं, मुसीबतें कैसी भी हो इस जिंदगी में, हमेशा पार कर ही जाता हूं।

सोच रहा हूँ वक्त से मिलूँ और सौदा कर लूँ, |
सोच रहा हूँ वक्त से मिलूँ और सौदा कर लूँ, ताकि जब तुमसे मिलूँ तो ये वक्त थम जाएं।

मसरूफ है यहाँ हर कोई किसी और को समझाने में, |
मसरूफ है यहाँ हर कोई किसी और को समझाने में, ना जाने कब वक़्त निकालेगा खुद को समझाने में।

इस वक्त्त का दस्तूर तो देखो, |
इस वक्त्त का दस्तूर तो देखो, जब वो पास था तब लगता ही नहीं था, अब जब वो दूर है तो कटता ही नहीं है।

राख और ख़ाक में बहुत अंतर होता है जनाब, |
राख और ख़ाक में बहुत अंतर होता है जनाब, वक़्त को ख़ाक करके हमारे सपने राख हो गए।

जो खास लोग इस वक़्त बदलने की नसीहत देते रहते थे, |
जो खास लोग इस वक़्त बदलने की नसीहत देते रहते थे, आज वक़्त तो नहीं बदला पर वो लोग ज़रूर बदल गए।
वक्त शायरी इन हिंदी

मेरे मसले के अब सिर्फ दो ही हल नजर आए, |
मेरे मसले के अब सिर्फ दो ही हल नजर आए, या तो वक़्त गुज़र जाए या फिर हम गुज़र जाएं।

ऐ वक़्त तू अपनी रफ्तार पर ना इतना इतरा, |
ऐ वक़्त तू अपनी रफ्तार पर ना इतना इतरा, जो तोड़ दूं मैं अपने सब्र तो तु टुकड़ों में बिखर जाएगा।

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