Good Night Shayari in hindi 2020 | शुभ रात्रि | बेस्ट गुड नाईट शायरी
Good Night Shayari
चांदनी रात आ गई और सपने बुनने की नींद आ गई,
शुभ रात्रि कहने की अब घड़ी आ गई,
चंदा की चांदनी और तारों की बारात,
अच्छे से बीते आपकी ये रात।

मांगा था टुटते हुए तारों को देख रब से हमने तुम्हे,
शायद मेरी किस्मत बहुत अच्छी थी,
कि उस चांदनी रात का चांद हमें मिल गया।

रात का वक्त है अब सो जाओ,
देर रात जाग के न खुद को अब सताओ,
बस प्यारी सी नींद के साथ सपनो में अब खो जाओ,
और सुबह उठ के अपना पूरा दिन सुन्दर और बेहतरीन बनाओ।

हम फिर मिलेंगे और बात फिर से होगी,
अभी अँधेरे से निकल रात फिर से होगी,
तू मुस्कुरा तो सही और फिर देख एक दिन,
मौसम ठीक भी होगा और बरसात फिर होगी।

ऐसा क्या लिखूं की तुझे तसल्ली हो जाये,
ऐसा क्या कहौ की तुझे विश्वास हो जाये,
क्या इतना काफी नहीं हैं कि मैं कहु,
तू मेरी दुनिया हैं और तुझे विश्वास हो जाये।

चाँद की चांदनी है और सितारों की रौशनी है,
दिल की तो बस इतनी सी आरज़ू है की,
ये ज़िन्दगी भी कुछ इस कदर कट जाये जैसी ये रात है।

देर रात जब किसी की याद तुम्हे सताए,
ठंडी हवा जब झुल्फो को यु सताए,
कर लो अपनी आंखे बंद और सो जाओ,
क्या पता जिसका है ख्याल वो तुम्हारे ख्वाबों में आ जाए।

जज़्बात-ए-जंग है और अब दिल-ए-दिल में,
ख़्वाब जो टूटा कि अब कुछ न हुआ हासिल में,
बस फ़लक भर थी हसरतों की फ़ेहरिस्त सारी,
बयां हो न पाया मगर तेरी महफ़िल में।

आपको जितना भुलाना चाहे उतना ही तुम याद आते हो,
मिटटी की खुश्बू की तरह तुम सांसूं में मिल जाते हो।

ख़ुशियों में हर दिन गुज़रे और सुहानी तुम्हारी शाम हो,
रात भी गुज़रे अमन चैन से क़ुबूल मेरा ये पैग़ाम हो,
न ही कोई मैं आलिम हूँ और न ही कोई मैं शास्त्री ,
आप सभी की “गुड़िया”हूँ और बस कहती हूँ शुभ रात्री ।

आओ करने चलते है हम भी सपनों की सैर,
अपनी सबसे है दोस्ती नहीं है किसी से वैर,
अब सुब्ह मिलेंगे तब तक के लिए शुभ रात्री ,
‘हम्हारी तरफ से सबको शब-बखै़र।

मैंनें भी विचारों के दरिया में गोता लगाया है ,
ओर इनमे से शब्दों को चुरा कर एक प्रेम की चादर बुन डाली,
अब उसे ओढ़ के मैं जाऊंगी सोने।

ग़ालिब यूँ खुद से ही झूठ बोलते हो,
दूर होने का शिकवा यु करते हो,
पर कभी किसी को कहते सुना था,
कि तुम तो दिलों-दिमाग दोनों में बसते हो।

चांदनी रात हो और तारों की बारात हो,
हवाओं मे तेरी खुसबू सी हो और लबों पर तुम्हारी हसीं हो,
हर ख्वाब की पहली हकीकत हो और मेरी आँखों की तुम मीठी नींद हो,

चल रही हुं यु मेहनत और हौसला भी साथ है ,
चलते चलते अपनी मंजिल तक अवश्य पहुंच जाऊंगी।

उसकी गलियों में जाना ही छोड़ दिया है मैंने,
अपने दिल के रास्ते को ही मोड़ दिया है मैंने,
अब से जल्दी सोऊंगा मैं ए दोस्त,
क्योंकि मोहब्बत करना ही छोड़ दिया है मैंने।

वो राधा बन कर भी रोति रहे,
ओर में कृष्णा बन कर उन्हें छोड़ कर चला गया,
शिव को पार्बती, बिष्णु को लक्ष्मी मिली ओर मुझे मेरे राधा ही ना मिली,
मेंरा प्यार अधुरा प्रेम बन कर ही रह गया,
मैं पूरा जीवन रोता रह गया।

ये रात हर रात जैसी क्यों नही होती,
कभी तो यु सुला लेती है आगोश में,
और कभी कुछ नाराज सी रहती है,
फिर अक्सर इन करवटों से ही उस रात की शिकायतें होती हैं।

तू ले चल यु मुझे बिन बताये कहीं,
तू ले चल वहाँ जहाँ तेरी ख़ुशी हो,
आज फिर से एक शाम को बाँहों में तेरी रात करें,
और बेठे खुले आस्मां के नीचे आज और फिर चाँद से कुछ बात करें।

चांदनी रात में बस उसका दीदार हो जाए,
बहती हुई हवाओं से उसकी खुसबू सी आ जाए,
हम तो उनके दीवाने हैं यु इस तरह वो मुस्कुराती है और चेहरा मेरा खिल जाता है,
कभी तो उनकी दीवानगी का पता हमें भी तो आ जाए,
हम उनको याद करें तो कभी उनको भी तो हिच्की आ जाए।
