Sufi Shayari In Hindi We are sharing the latest collection of Sufi Ki Shayari with Images. Find the best नई सूफी शायरी इन हिंदी Photos, Messages, Quotes, Status, Videos on our blog. Feel free to Download and share them on WhatsApp, Facebook, Instagram.
Sufi Shayari
तेरे क्या हुए सब से जुदा हो गए, |
तेरे क्या हुए सब से जुदा हो गए, सूफी हो गए हम तुम खुदा हो गए।
ख़ुदाया आज़ाद करदे, मुझे ख़ुद अपना ही दीदार दे दे, |
ख़ुदाया आज़ाद करदे, मुझे ख़ुद अपना ही दीदार दे दे, मदीना हक़ में करदे, सूफ़ियों वाला क़िरदार दे दे।
इल्मे सफीना को आज तुम इल्मे सीना में तब्दील कीजिए, |
इल्मे सफीना को आज तुम इल्मे सीना में तब्दील कीजिए, सूफियाना अंदाज में खुद को सूफी काव्य से रूबरू कीजिए।
भगवा भी है रंग उसका सूफी भी, |
भगवा भी है रंग उसका सूफी भी, इश्क की होती है ऐसी खूबी ही।
उनकी वज़ाहत क्या लिखूँ, जो भी है बे-मिसाल है वो, |
उनकी वज़ाहत क्या लिखूँ, जो भी है बे-मिसाल है वो, एक सूफ़ी का तसव्वुर, एक आशिक़ का ख़्याल है वो।
सूफी शायरी इन हिंदी
जब कमान तेरे हाथों में हो फिर कैसा डर मुझे तीर से, |
जब कमान तेरे हाथों में हो फिर कैसा डर मुझे तीर से, मुर्शिद मैं जानता हूँ तुम इश्क़ करती हो मुझ फ़क़ीर से।
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इलाही कुछ फेर-बदल कर दस्तूर में, |
इलाही कुछ फेर-बदल कर दस्तूर में, मैं सवाली बनूँगा और वो ख़ैरात बने।
ख्वाहिश जन्नत की, एक सजदा गिरां गुजरता है, |
ख्वाहिश जन्नत की, एक सजदा गिरां गुजरता है, दिल में है खुदा मौजूद, क्यूं जा-ब-जा फिरता है।
हम अपनी म्यार ज़माने से जुदा रखते हैं, |
हम अपनी म्यार ज़माने से जुदा रखते हैं, दिल में दुनियां नहीं इश्क़ -ए- ख़ुदा रखते हैं।
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दिल भी सूफी है साहब शब्द बिखेर कर इबाददत करता है। |
दिल भी सूफी है साहब शब्द बिखेर कर इबाददत करता है।
Sufi Shayari in hindi
जाम हाथ में हो और होंठ सूखे हुये, |
जाम हाथ में हो और होंठ सूखे हुये, मुआफ करना यारो इतने सूफी हम नहीं हुये।
आज फिर जो मुर्शीद को याद किया, |
आज फिर जो मुर्शीद को याद किया, यूं लगा जैसे दिल के आईने को साफ किया।
सारे ऐब देखकर भी मुर्शीद को तरस है आया, |
सारे ऐब देखकर भी मुर्शीद को तरस है आया, हाय! किस मोम से खुदा ने उनका दिल है बनाया।
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तेरी आवाज है कि सूफी का कोई नग्मा है, |
तेरी आवाज है कि सूफी का कोई नग्मा है, जिसे सुनूँ तो सुकूँ जन्नतों सा मिलता है।
तलब मौत की क्यूं करना गुनाह ए कबीरा है, |
तलब मौत की क्यूं करना गुनाह ए कबीरा है, मरने का शोंक है तो इश्क़ क्यों नहीं करते।
सूफी इश्क शायरी इन हिंदी
अतीत के गर्त में भविष्य तलाश करना एक बेवकूफी है, |
अतीत के गर्त में भविष्य तलाश करना एक बेवकूफी है, जो वर्तमान में रहकर भविष्य संवारे, वो सच्चा सूफी है।
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तेरी आरजू में हो जाऊं ऐसे मस्त मलंग, |
तेरी आरजू में हो जाऊं ऐसे मस्त मलंग, बेफिक्र हो जाऊं दुनिया से किनारा करके।
जाने कैसे जीतें हैं वो जो कभी तेरे सीने से लगे हैं, |
जाने कैसे जीतें हैं वो जो कभी तेरे सीने से लगे हैं, मेरे साकी, हम तो नैन लड़ाकर ही बेसुध से पड़े हैं।
इश्क़ में आराम हराम है, |
इश्क़ में आराम हराम है, इश्क़ में सूफ़ी के सुल्फ़े की तरह हर वक़्त जलनाहोता हैं,
मोहब्बते मेहरबान मुर्शीद मेरे तू आजा, |
मोहब्बते मेहरबान मुर्शीद मेरे तू आजा, के अब हम सबक वफा का भूलने लगे।
Sufi Quotes in hindi
छूकर भी जिसे छू ना सके |
छूकर भी जिसे छू ना सके वो चाहत है (इश्क़) कर दे फना जो रूह को वो इबादत है (इश्क़)
फीके पड जाते हैं दुनियाभर के |
फीके पड जाते हैं दुनियाभर के तमाम नज़ारे उस वक़्त, सजदे में तेरे झुकता हूँ तो मुझे जन्नत नज़र आती हैं।
न ले हिज़्र का मुझसे तू इम्तिहां अब, |
न ले हिज़्र का मुझसे तू इम्तिहां अब, लगे जी ना मेरा तेरे इस दहर में।
लाख पर्दे झूठ के खींच दो ज़माने के सामने, |
लाख पर्दे झूठ के खींच दो ज़माने के सामने, क्या कहोगे क़यामत के दिन ख़ुदा के सामने।
मुझे जन्नत ना उकबा ना एशो-इशरत का सामां चाहिए, |
मुझे जन्नत ना उकबा ना एशो-इशरत का सामां चाहिए, बस करलूं दीदार-ए-मुहम्मद ख़ुदा ऐसी निगाह चाहिए।
Sufiyana Shayari
तेरे बाद कोई है ना तुझसे पहले ही, |
तेरे बाद कोई है ना तुझसे पहले ही, अब बिछड़ के तुझसे मौला जाऊं भी कहां।
पास रह कर मेरे मौला दे सज़ा जो चाहे मुझको, |
पास रह कर मेरे मौला दे सज़ा जो चाहे मुझको, तेरे वादे पूरे हों मेरी तलब भी करना पूरी।
तुम रक्स में डूबा हुआ कलंदर तो देख रहे हो, |
तुम रक्स में डूबा हुआ कलंदर तो देख रहे हो, तुम नहीं जानते लज्जते इश्के हकीकी क्या है?
यूँ तो उसका जहाँ है ला-मुक़ाम ‘एजाज़’ लेकिन, |
यूँ तो उसका जहाँ है ला-मुक़ाम 'एजाज़' लेकिन, बसता हैं वह खुदा अपने बंदों के दिलों में सदा।
तुझ में घुल जाऊं मैं नदियों के समन्दर की तरह, |
तुझ में घुल जाऊं मैं नदियों के समन्दर की तरह, और हो जाऊं अनजान दुनिया में कलंदर की तरह।
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