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Chai Shayari
चाय की चुस्कियों में यादों को डुबाया करो,
ये दुनिया की बातों को खामखां दिल से ना लगाया करो।
चाय की चुस्कियों में यादों को डुबाया करो, ये दुनिया की बातों को खामखां दिल से ना लगाया करो।
हाथ में चाय और यादों में आप हो,
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो।
हाथ में चाय और यादों में आप हो, फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो।
Chai Shayari in hindi
- हलके में मत लेना तुम
सावले रंग को,
दूध से कहीं ज्यादा देखे है
मैंने शौक़ीन चाय के। - सुबह की चाय और बड़ो की राये,
समय समय पर लेते रहना चाहिए। - चाय की चुस्की के साथ अक्सर कुछ गम भी पीता हूं,
मिठास कम है जिंदगी में मगर जिंदादिली से जीता हूं। - यादों में आप और हाथ में चाय हो,
फिर उस सुबह की क्या बात हो। - जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं,
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं। - बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने
चाय ठंङी होती गई और आंखें नम। - अर्ज किया है …
भाड़ में जाए दुनियादारी,
सबसे प्यारी चाय हमारी। - मिलो कभी चाय पर फिर क़िस्से बुनेंगे,
तुम ख़ामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे। - एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास,
वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है। - एक कप चाय दो दिलों को मिला देती है,
एक कप चाय दिन भर की थकान मिटा देती है।
मेरी चाय की चीनी और खाने का नमक हो तुम,
कैसे तुम्हे समझाऊं की मेरे दिल की धडक हो तुम।
मेरी चाय की चीनी और खाने का नमक हो तुम, कैसे तुम्हे समझाऊं की मेरे दिल की धडक हो तुम।
आशिको की आशिक़ी,
वो यारों की यारी है,
वो सिर्फ चाय नहीं,
हमारी मुलाकात की पहली तैयारी है।
आशिको की आशिक़ी, वो यारों की यारी है, वो सिर्फ चाय नहीं, हमारी मुलाकात की पहली तैयारी है।
कैसे कहे कोई नहीं है हमारा,
शाम की चाय रोज
बेसब्री से इंतज़ार जो करती है।
कैसे कहे कोई नहीं है हमारा, शाम की चाय रोज बेसब्री से इंतज़ार जो करती है।
चाय पर शायरी 2 लाइन
हलके में मत लेना तुम सावले रंग को,
दूध से कहीं ज्यादा देखे है मैंने शौक़ीन चाय के।
हलके में मत लेना तुम सावले रंग को, दूध से कहीं ज्यादा देखे है मैंने शौक़ीन चाय के।
ज़िन्हे चाय से लगाव होता है,
उसके दिल में जरूर घाव होता हैं।
ज़िन्हे चाय से लगाव होता है, उसके दिल में जरूर घाव होता हैं।
माँ के हाथ की बनी चाय पीये हुए कई साल गुज़र गए,
चाय का वो स्वाद तो मिल गया लेकिन वो प्यार नहीं।
माँ के हाथ की बनी चाय पीये हुए कई साल गुज़र गए, चाय का वो स्वाद तो मिल गया लेकिन वो प्यार नहीं।
एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास,
वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है।
एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास, वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है।
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कभी हमारे गाँव आओ,
तुम्हें एक सैर कराएंगे,
हमारी स्पेशल वाली चाय
तुम्हें अपने हाथों से पीलायेंगे।
कभी हमारे गाँव आओ, तुम्हें एक सैर कराएंगे, हमारी स्पेशल वाली चाय तुम्हें अपने हाथों से पीलायेंगे।
Chai par Shayari
हर रोज़ होता है मुझे इश्क़ तुमसे,
तुम मेरी सुबह की पहली चाय से हो गए हो।
हर रोज़ होता है मुझे इश्क़ तुमसे, तुम मेरी सुबह की पहली चाय से हो गए हो।
मेरे चाय पीने का कोई वक़्त तो नहीं हैं,
परंतु चाय पीते वक़्त तुम्हारी याद जरूर आती हैं।
मेरे चाय पीने का कोई वक़्त तो नहीं हैं, परंतु चाय पीते वक़्त तुम्हारी याद जरूर आती हैं।
हम तो निकले थे मोहब्बत की तलाश में,
सर्दी बहुत लगी चाय पीकर वापस आ गये।
हम तो निकले थे मोहब्बत की तलाश में, सर्दी बहुत लगी चाय पीकर वापस आ गये।
अक्सर मैं तेरे प्यार के नग़मे गुनगुनाता हूँ,
होंठ मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूँ।
अक्सर मैं तेरे प्यार के नग़मे गुनगुनाता हूँ, होंठ मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूँ।
तेरे इश्क़ में मुझे जीना है,
तेरे होंठो से लगी चाय मुझे पीना है।
तेरे इश्क़ में मुझे जीना है, तेरे होंठो से लगी चाय मुझे पीना है।
चाय पर शायरी
चाई की आदत से भी दूर रखा करते थे खुदको,
यहां देखो,
आहिस्ता आहिस्ता तुम्हारी लत लग गई।
चाई की आदत से भी दूर रखा करते थे खुदको, यहां देखो, आहिस्ता आहिस्ता तुम्हारी लत लग गई।
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वो चाय बहुत अच्छी बनाती है,
एक यही वजह काफी है,उससे मोहब्बत करने के लिए।
वो चाय बहुत अच्छी बनाती है, एक यही वजह काफी है,उससे मोहब्बत करने के लिए।
आज की रात कैसे गुजरी,ये मत पूछो सनम,
एक तो तुम्हारी याद बहुत आई,ऊपर से चाय पत्ती खत्म।
आज की रात कैसे गुजरी,ये मत पूछो सनम, एक तो तुम्हारी याद बहुत आई,ऊपर से चाय पत्ती खत्म।
सर दर्द सी हो गयी है जिंदगी,
क्या तुम सुबह की चाय बनोगी।
सर दर्द सी हो गयी है जिंदगी, क्या तुम सुबह की चाय बनोगी।
सुनो मेहबूबा, एक राय है,
तुमसे बेहतर तो मेरी चाय है।
सुनो मेहबूबा, एक राय है, तुमसे बेहतर तो मेरी चाय है।
Chai Lover Shayari
मेरे चाय पीने का कोई वक़्त तो नहीं हैं,
परंतु चाय पीते वक़्त तुम्हारी याद जरूर आती हैं।
मेरे चाय पीने का कोई वक़्त तो नहीं हैं, परंतु चाय पीते वक़्त तुम्हारी याद जरूर आती हैं।
कल रात मैने एक हसीन ख्वाब देखा,
खुद को चाय की टपरी पर तेरे साथ देखा।
कल रात मैने एक हसीन ख्वाब देखा, खुद को चाय की टपरी पर तेरे साथ देखा।
तेरा इश्क़ चाय सा मीठा,
मैं इसमे खोना चाहता हुँ,
बिस्कुट सा डूब कर इसमे
मैं तेरा होना चाहता हुँ।
तेरा इश्क़ चाय सा मीठा, मैं इसमे खोना चाहता हुँ, बिस्कुट सा डूब कर इसमे मैं तेरा होना चाहता हुँ।
मोहब्बत तो लौटा नहीं सकते तुम,
मगर वो चाय की महक तो लौटा दो।
मोहब्बत तो लौटा नहीं सकते तुम, मगर वो चाय की महक तो लौटा दो।
नाराज़गी आज उसने कुछ यूं जाहिर कर दी,
चाय तो बनाई मगर दूर लेकर रख दी।
नाराज़गी आज उसने कुछ यूं जाहिर कर दी, चाय तो बनाई मगर दूर लेकर रख दी।
Tea Shayari 2 Line
इक प्याली चाय और ख्वाहिश तुम्हारी,
सफर मुकम्मल करें यादें तुम्हारी।
इक प्याली चाय और ख्वाहिश तुम्हारी, सफर मुकम्मल करें यादें तुम्हारी।
जैसे तारों के बिना चाँद अधूरा है,
वैसे ही चाय के बिना मैं अधूरा हूं।
जैसे तारों के बिना चाँद अधूरा है, वैसे ही चाय के बिना मैं अधूरा हूं।
ये मुसीबत के दिन भी गुजर जायेगे,
फिर एक मुलाकात रखेंगे चाय पर।
ये मुसीबत के दिन भी गुजर जायेगे, फिर एक मुलाकात रखेंगे चाय पर।
ये चाय की मोहब्बत वो क्या जाने,
हर एक घूँट में एक अलग ही नशा है।
ये चाय की मोहब्बत वो क्या जाने, हर एक घूँट में एक अलग ही नशा है।
इस भागते हुए वक़्त पर कैसे लगाम लगाई जाए,
ऐ वक़्त आ बैठ तुझे एक कप चाय पिलाई जाए।
इस भागते हुए वक़्त पर कैसे लगाम लगाई जाए, ऐ वक़्त आ बैठ तुझे एक कप चाय पिलाई जाए।
Chai Shayari Gulzar
एक सुबह क्या कॉफी के नाम कर दी,
चाय ने तो हमे बेवफा ही कह डाला।
एक सुबह क्या कॉफी के नाम कर दी, चाय ने तो हमे बेवफा ही कह डाला।
तुम से एकतरफा मोहब्बत कुछ इस तरह भी कर लेता हूँ,
तुम्हारे हिस्से की भी चाय मैं पी लेता हूँ।
तुम से एकतरफा मोहब्बत कुछ इस तरह भी कर लेता हूँ, तुम्हारे हिस्से की भी चाय मैं पी लेता हूँ।
हर किसी ने ज़ख्म दिये है यहाँ,
बस चाय ने ही ज़ख्मों पर मरहम लगाया है।
हर किसी ने ज़ख्म दिये है यहाँ, बस चाय ने ही ज़ख्मों पर मरहम लगाया है।
कुल्हड़ वाली चाय और भी ज्यादा स्वादिष्ट हो जाती है,
मेरी भारत की मिट्टी की खुश्बू जो उसमे घुल जाती है।
कुल्हड़ वाली चाय और भी ज्यादा स्वादिष्ट हो जाती है, मेरी भारत की मिट्टी की खुश्बू जो उसमे घुल जाती है।
एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास,
वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है।
एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास, वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है।
चाय और दोस्ती शायरी
जागने की इजाज़त नही देते तेरे ख्वाब मुझे,
वो तो मैं चाय का बहाना करके उठ जाया करता हूँ।
जागने की इजाज़त नही देते तेरे ख्वाब मुझे, वो तो मैं चाय का बहाना करके उठ जाया करता हूँ।
मोहब्बत है हमसे तो थोड़ा इज़हार करना सिख लो,
प्यार है तो थोड़ा चाय बनाना भी सीख लो।
मोहब्बत है हमसे तो थोड़ा इज़हार करना सिख लो, प्यार है तो थोड़ा चाय बनाना भी सीख लो।
खामोशियों की जंज़ीरों को तोड़कर कुछ बात करलो,
मैंने चाय बनाई है,
अब तो एक मुलाकात करलो।
खामोशियों की जंज़ीरों को तोड़कर कुछ बात करलो, मैंने चाय बनाई है, अब तो एक मुलाकात करलो।
फ़िर से एक बार किसी की खुशबू ने रूह को छुआ है,
लगता है कहीं पर कुल्हड़ की चाय का ज़िक्र हुआ है।
फ़िर से एक बार किसी की खुशबू ने रूह को छुआ है, लगता है कहीं पर कुल्हड़ की चाय का ज़िक्र हुआ है।
तारीफें बयां कर रहे थे लोग अपने अपने पसंदीदा जाम की,
ख़ामोशी बसर हो गई महफ़िल में जब मिसाल दी मैंने चाय की।
तारीफें बयां कर रहे थे लोग अपने अपने पसंदीदा जाम की, ख़ामोशी बसर हो गई महफ़िल में जब मिसाल दी मैंने चाय की।
चाय पीने से फुर्सत नहीं मिलती,
वरना हम बताते मोहब्बत किसे कहते हैं।
चाय पीने से फुर्सत नहीं मिलती, वरना हम बताते मोहब्बत किसे कहते हैं।
कुछ इस तरह जी लेते है हम,
तुम्हारी याद आने पर चाय पी लेते है हम।
कुछ इस तरह जी लेते है हम, तुम्हारी याद आने पर चाय पी लेते है हम।
जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं,
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।
जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं, लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।
मैं तुम्हें कुल्हड़ वाली चाय पिला सकता हूं,
ये चांद तारे तोड़ के लाना सब फिजूल की बातें हैं।
मैं तुम्हें कुल्हड़ वाली चाय पिला सकता हूं, ये चांद तारे तोड़ के लाना सब फिजूल की बातें हैं।
कभी हसाती है तो कभी गम के सागर में डुबा जाती है,
वो चाय की टपरी अपनी ना होते हुए भी बहुत याद आती है।
कभी हसाती है तो कभी गम के सागर में डुबा जाती है, वो चाय की टपरी अपनी ना होते हुए भी बहुत याद आती है।
बहुत दुर मंज़िल है,
थोड़ा आराम हो जाए,
चलो दो पल साथ बिताते है,
एक कप चाय हो जाए।
बहुत दुर मंज़िल है, थोड़ा आराम हो जाए, चलो दो पल साथ बिताते है, एक कप चाय हो जाए।
कल मिलने का वादा है उनका और,
मैं चाय लिए रोज़ इंतजार करता हूं।
कल मिलने का वादा है उनका और, मैं चाय लिए रोज़ इंतजार करता हूं।
चाय की तरह मोहब्बत उसकी
आज भी उबलती रहती है सीने में।
चाय की तरह मोहब्बत उसकी आज भी उबलती रहती है सीने में।
मेरे चाय पीने का कोई वक़्त तो नहीं हैं,
परंतु चाय पीते वक़्त तुम्हारी याद जरूर आती हैं।
मेरे चाय पीने का कोई वक़्त तो नहीं हैं, परंतु चाय पीते वक़्त तुम्हारी याद जरूर आती हैं।
रोज़ सुबह चाय की तलाश में निकलता हूँ ऐसे,
कोई रांझा ढूंढ रहा हो अपनी हीर को जैसे।
रोज़ सुबह चाय की तलाश में निकलता हूँ ऐसे, कोई रांझा ढूंढ रहा हो अपनी हीर को जैसे।
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महँगी शराब दुनिया के हर कोने में मिल जाती है,
बस तेरे हाथों की चाय का स्वाद कही ना मिला।