Bachpan ki Shayari in hindi
वक्त से पहले ही वो हमसे रूठ गयी है, |
वक्त से पहले ही वो हमसे रूठ गयी है, बचपन की मासूमियत न जाने कहाँ छूट गयी है।
शौक जिन्दगी के अब जरुरतो में ढल गये, |
शौक जिन्दगी के अब जरुरतो में ढल गये, शायद बचपन से निकल हम बड़े हो गये।
मेरे बचपन की यादें शायरी
- बचपन भी कमाल का था,
खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर,
आँख बिस्तर पर ही खुलती थी। - वक्त से पहले ही वो हमसे रूठ गयी है,
बचपन की मासूमियत न जाने कहाँ छूट गयी है। - कितने खुबसूरत हुआ करते थे
बचपन के वो दिन,
सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से,
दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी। - शौक जिन्दगी के अब जरुरतो में ढल गये,
शायद बचपन से निकल हम बड़े हो गये। - अजीब सौदागर है ये वक़्त भी,
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया। - कोई मुझको लौटा दे वो बचपन का सावन,
वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी। - अपना बचपन भी बड़ा कमाल का हुआ करता था,
ना कल की फ़िक्र ना आज का ठिकाना हुआ करता था। - देखा करो कभी अपनी माँ की आँखों में भी,
ये वो आईना हैं जिसमें बच्चे कभी बूढ़े नही होते। - हँसते खेलते गुज़र जाये वैसी शाम नही आती,
होंठो पे अब बचपन वाली मुस्कान नही आती। - वो बचपन की अमीरी न जाने कहां खो गई,
जब पानी में हमारे भी जहाज चलते थे।
अपना बचपन भी बड़ा कमाल का हुआ करता था, |
अपना बचपन भी बड़ा कमाल का हुआ करता था, ना कल की फ़िक्र ना आज का ठिकाना हुआ करता था।
हँसते खेलते गुज़र जाये वैसी शाम नही आती, |
हँसते खेलते गुज़र जाये वैसी शाम नही आती, होंठो पे अब बचपन वाली मुस्कान नही आती।
भटक जाता हूँ अक्सर खुद हीं खुद में, |
भटक जाता हूँ अक्सर खुद हीं खुद में, खोजने वो बचपन जो कहीं खो गया है।
बचपन शायरी इन हिंदी
वो शरारत,वो मस्ती का दौर था, |
वो शरारत,वो मस्ती का दौर था, वो बचपन का मज़ा ही कुछ और था।
कौन कहता है कि मैं जिंदा नहीं, |
कौन कहता है कि मैं जिंदा नहीं, बस बचपन ही तो गया है बचपना नहीं।
बचपन की यादें मिटाकर बड़े रास्तों पे कदम बढ़ा लिया, |
बचपन की यादें मिटाकर बड़े रास्तों पे कदम बढ़ा लिया, हालात ही कुछ ऐसे हुए की बच्चे से बड़ा बना दिया।
बचपन मैं यारों की यारी ने, |
बचपन मैं यारों की यारी ने, एक तोफ़ा भी क्या खूब दिया, उनकी बातों के चक्कर में पड़, माँ बापू से भी कूट लिया।
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उम्र के साथ ज्यादा कुछ नहीं बदलता, |
उम्र के साथ ज्यादा कुछ नहीं बदलता, बस बचपन की ज़िद्द समझौतों में बदल जाती है।
Childhood Shayari
बचपन से जवानी के सफर में, |
बचपन से जवानी के सफर में, कुछ ऐसी सीढ़ियाँ चढ़ते हैं.. तब रोते-रोते हँस पड़ते थे, अब हँसते-हँसते रो पड़ते हैं।
पुरानी अलमारी से देख मुझे खूब मुस्कुराता है, |
पुरानी अलमारी से देख मुझे खूब मुस्कुराता है, ये बचपन वाला खिलौना मुझें बहुत सताता है।
ऐ जिंदगी तू ले चल मुझे, |
ऐ जिंदगी तू ले चल मुझे, बचपन के उस गलियारे में, जहाँ मिलती थी हमें खुशियाँ, गुड्डे-गुड़ियों के ब्याह रचाने में।
कुछ ज़्यादा नहीं बदला बचपन से अब तक, |
कुछ ज़्यादा नहीं बदला बचपन से अब तक, बस अब वो बचपन की जिंद समझौते में बदल रहीं है।
जैसे बिन किनारे की कश्ती, |
जैसे बिन किनारे की कश्ती, वैसे ही हमारे बचपन की मस्ती।
Bachpan Status
गुम सा गया है अब कही बचपन, |
गुम सा गया है अब कही बचपन, जो कभी सुकून दिया करता था।
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हर एक पल अब तो बस गुज़रे बचपन की याद आती है, |
हर एक पल अब तो बस गुज़रे बचपन की याद आती है, ये बड़े होकर माँ दुनिया ऐसे क्यों बदल जाती है।
कुछ यूं कमाल दिखा दे ऐ जिंदगी, |
कुछ यूं कमाल दिखा दे ऐ जिंदगी, वो बचपन ओर बचपन के दोस्तो से मिला दे ऐ जिंदगी।
बहुत खूबसूरत था, |
बहुत खूबसूरत था, महसूस ही नहीं हुआ, कब कहां और कैसे चला गया बचपन मेरा।
कोई तो रुबरु करवाओ |
कोई तो रुबरु करवाओ बेखोफ़ हुए बचपन से, मेरा फिर से बेवजह मुस्कुराने का मन हैं।
School Time Shayari
बचपन को कैद किया |
बचपन को कैद किया उम्मीदों के पिंजरों में, एक दिन उड़ने लायक कोई परिंदा नही बचेगा।
नींद तो बचपन में आती थी, |
नींद तो बचपन में आती थी, अब तो बस थक कर सो जाते है।
खेलना है मुझे मेरी माँ की गोद में, |
खेलना है मुझे मेरी माँ की गोद में, के फिर लौट के आजा मेरे बचपन।
जिम्मेदारियों ने वक्त से पहले |
जिम्मेदारियों ने वक्त से पहले बड़ा कर दिया साहब, वरना बचपन हमको भी बहुत पसंद था।
अब वो खुशी असली नाव |
अब वो खुशी असली नाव मे बैठकर भी नही मिलती है, जो बचपन मे कागज की नाव को पानी मे बहाकर मिलती है।
Bachpan Quotes in hindi
बचपन तो वहीं खड़ा इंतजार कर रहा है, |
बचपन तो वहीं खड़ा इंतजार कर रहा है, तुम बुढ़ापे की ओर दौड़ रहे हो।
बचपन से पचपन तक का सफ़र यूं बीत गया साहब, |
बचपन से पचपन तक का सफ़र यूं बीत गया साहब, वक़्त के जोड़ घटाने में सांसे गिनने की फुरसत न मिली।
फिर से नज़र आएंगे किसी और में |
फिर से नज़र आएंगे किसी और में हमारे ये पल सारे, बचपन के सुनहरे दिन सारे।
कभी कभी लगता है |
कभी कभी लगता है लौट आए वो बचपन फिर से, औऱ भूल जाए खुदको पापा की गोद मे।
सपनों की दुनियाँ से तबादला हकीकत में हो गया, |
सपनों की दुनियाँ से तबादला हकीकत में हो गया, यक़ीनन बचपन से पहले उसका बचपना खो गया।
Bachpan Shayari 2 line
शरारत करने का मन तो अब भी करता हैं, |
शरारत करने का मन तो अब भी करता हैं, पता नही बचपन ज़िंदा हैं या ख़्वाहिशें अधूरी हैं।
वो पुरानी साईकिल वो पुराने दोस्त जब भी मिलते है, |
वो पुरानी साईकिल वो पुराने दोस्त जब भी मिलते है, वो मेरे गांव वाला पुराना बचपन फिर नया हो जाता है।
सीखने की कोई उम्र नही होती, |
सीखने की कोई उम्र नही होती, और फिर सीखते-सिखाते बचपन गुज़र गया।
बस इतनी सी अपनी कहानी है, |
बस इतनी सी अपनी कहानी है, एक बदहाल-सा बचपन, एक गुमनाम-सी जवानी है।
ए ज़िंदगी! तू मेरी बचपन की गुड़िया जैसी बन जा, |
ए ज़िंदगी! तू मेरी बचपन की गुड़िया जैसी बन जा, ताकि जब भी मैं जगाऊँ तू जग जा।
Bachpan ki Yaadein Shayari
बहुत शौक था बचपन में |
बहुत शौक था बचपन में दूसरों को खुश रखने का, बढ़ती उम्र के साथ वो महँगा शौक भी छूट गया।
फिर से नज़र आएंगे किसी और में |
फिर से नज़र आएंगे किसी और में हमारे ये पल सारे, बचपन के सुनहरे दिन सारे।
बचपन भी क्या खूब था , |
बचपन भी क्या खूब था , जब शामें भी हुआ करती थी, अब तो सुबह के बाद, सीधा रात हो जाती है।
तू बचपन में ही साथ छोड़ गयी थी, |
तू बचपन में ही साथ छोड़ गयी थी, अब कहाँ मिलेगी ऐ जिन्दगी, तू वादा कर किसी रोज ख़्वाब में मिलेगी।
खुशियाँ भी हो गई है अब उड़ती चिड़ियाँ, |
खुशियाँ भी हो गई है अब उड़ती चिड़ियाँ, जाने कहाँ खो गई, वो बचपन की गुड़ियाँ।
ज़िन्दगी वक्त से पहले उम्र के तजुर्बे दे जाती है, |
ज़िन्दगी वक्त से पहले उम्र के तजुर्बे दे जाती है, बालों की रंगत ना देखिए जिम्मेदारी बचपन ले जाती है।
उम्र के साथ ज्यादा कुछ नहीं बदलता, |
उम्र के साथ ज्यादा कुछ नहीं बदलता, बस बचपन की ज़िद्द समझौतों में बदल जाती है।
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला, |
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला, जब डिग्रियां समझ में आई तो पांव जलने लगे।
वो रेत पर भी लिख देता था अपनी कहानी, |
वो रेत पर भी लिख देता था अपनी कहानी, वो बचपन था उसे माफ़ थी अपनी नादानी।
जी लेने दो ये लम्हे |
जी लेने दो ये लम्हे इन नन्हे कदमों को, उम्रभर दौड़ना है इन्हें बचपन बीत जाने के बाद।
वो बड़े होने से डरता है, |
वो बड़े होने से डरता है, इसीलिए बचपना करता है।
अब भी तो है बचपना, |
अब भी तो है बचपना, प्रेम करते हैं, पर मिल कर नहीं।
ज़िन्दगी के कमरे में एक बचपन का कोना है, |
ज़िन्दगी के कमरे में एक बचपन का कोना है, समेटनी हैं उसकी यादें, और उन यादों में खोना है।
वो पूरी ज़िन्दगी रोटी,कपड़ा,मकान जुटाने में फस जाता है, |
वो पूरी ज़िन्दगी रोटी,कपड़ा,मकान जुटाने में फस जाता है, अक्सर गरीबी के दलदल में बचपन का ख़्वाब धस जाता है।
करता रहूं बचपन वाली नादानियां उम्र भर, |
करता रहूं बचपन वाली नादानियां उम्र भर, ना जाने क्यों दुनिया वाले उम्र बता देते है।
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