चला गया वो हमें छोड़ कर बेगानों की तरह, जैसे कभी हमे अपना समझा ही नही।

टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए, किसी को लग ना जाये इसलिए सबसे दूर हो गए।

अच्छे होते हैं वो लोग जो आकर चले जाते हैं, थोड़ा ठहर कर जाने वाले बहुत रुलाते हैं।

बहुत आसान है दर्द को छुपाना, पर नहीं आसान किसी अपने को भुलाना।

मोहब्बत का दर्द दिल में छुपाया बहुत है, सच कहुँ उसकी मोहब्बत ने रुलाया बहुत है।

तुमसे वो आखिरी मुलाकात रह गई, दिल में दबी वो बात रह गई।

हम जरा ख़फा क्या हो गए, आप तो बेवफा हो गए।

एक वो था बदल गया, एक में था बिखर गया, एक वक़्त था गुज़र गया।

उसने कहा था आँखें भर के देखा कर मुझे, अब आँखें तो भर आती हैं पर वो नहीं दिखते।

दिल छोड़ कर और कुछ माँगा करो हमसे, हम टूटी हुई चीज़ का तोहफा नही देते है।

ज़िंदगी मौसम ए पतझड़ सी हो गई है, कोई तो आए मौसम ए बहार लेकर।

आईना आज फिर से रिशवत लेते पकड़ा गया,  दिल में दर्द था और चेहरा हंसता हुआ पकड़ा गया।

तेरे जाने के बाद अक्सर तन्हा बैठ रोया हूं, ना जाने कब आखिरी बार चैन से सोया।

जब गैरों पे वो फिदा होने लगा, धीरे धीरे मुझसे जुदा होने लगा।