जो समय को बर्बाद करता है,  समय उसे बर्बाद कर देता है।

बुरा वक्त भले ही रुलाता है, पर सीख पते की दे जाता है।

बुरा वक्त तो सबका आता हैं, कोई बिखर जाता हैं, कोई निखर जाता हैं।

अभी तो थोडा वक्त हैं, उनको आजमाने दो, रो-रोकर पुकारेंगे हमें, हमारा वक्त तो आने दो।

वक़्त रहता नही कहीं टिककर, इसकी आदत भी आदमी सी है।

वक्त तू कितना भी सता ले हमे लेकिन याद रख, किसी मोड़ पर तुझे भी बदलने पर मजबूर कर देंगे।

वक़्त से पहले हादसों से लड़ा हूँ, मैं अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूँ।

वो वक़्त भी बहुत खास होता है, जब सर पर माता पिता का हाथ होता है।

वक़्त बहुत कुछ छीन लेता है, खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी।

दौर भी बदलेगा और लब भी मुस्कुराएँगे, वक्त के फ़रिश्ते जब खुशियाँ लेकर आयेंगे।

वक्त ऐसे-ऐसे दिन दिखा रहा है, अपने पराए का भेद बता रहा है।

बिना रुके बिना थके जो चलती है, वक्त की घड़ी  कभी नहीं रुकती है।

वक़्त बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती, जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है।

हर संस्कार सिखलाता है कौन अपना कौन पराया ये सब वक्त बतलाता है

वक्त की यारी तो हर कोई कर लेता है, मजा तो तब है जब वक़्त बदले और यार न बदले।