Saheli Shayari In Hindi We are sharing the latest collection of Meri Saheli par Shayari with Images. Find the best नई सहेली शायरी इन हिंदी Photos, Messages, Quotes, Status, Videos on our blog. Feel free to Download and share them on WhatsApp, Facebook, Instagram.
Saheli Shayari
ज़िंदगी की पटरी दूर कहाँ ले आई है, |
ज़िंदगी की पटरी दूर कहाँ ले आई है, लौट जा पीछे व्यक्त, मेरी सहेली छूट आई है।

सुकून भरी इतवार सी थी, |
सुकून भरी इतवार सी थी, बातों के बाज़ार सी थी थी ठिकाना हंसी ठहाकों की, एक सहेली मेरी ढाल सी थी।

फिर वही चुलबुली, |
फिर वही चुलबुली, फिर वही अलबेली मिले, हो फिर जनम अगर फिर वही सहेली मिले।

थोड़ी सी शैतान भी थी, |
थोड़ी सी शैतान भी थी, शरारत की दुकान सी थी, बात-बात पर रोटी थी, नादान सी मेरी सहेली थी।

न रास्ता न मंज़िल, |
न रास्ता न मंज़िल, न पहचान में सहेली कोई बेवज़ह इंतज़ार है या है ये इश्क़ की पहेली कोई।

सहेली शायरी इन हिंदी
हर दिन हर पल लड़ती |
हर दिन हर पल लड़ती झगड़ती ही रहती है, मेरी सहेली हर लड़ाई में साथ खड़ी भी रहती है।

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मेरी जिंदगी की कहानी पहेली जैसी, |
मेरी जिंदगी की कहानी पहेली जैसी, हो जिसे सुलझा ने वाली मेरी सहेली हो।

मीठा सा रिश्ता है, |
मीठा सा रिश्ता है, बरसों पुरानी दोस्ती है, ऐ सहेली ! तुमसे हर खुशी है, तुमसे ज़िंदगी है।

मासूमियत सारी दुनिया की |
मासूमियत सारी दुनिया की बस उसमें समायी है, एक सहेली फ़रिश्ता बनके मेरी ज़िन्दगी में आई है।

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मन अब तक जो बुझ |
मन अब तक जो बुझ ना पाया वह पहेली हो, तुम मन के जज्बातों को जो समझे हो सहेली हो तुम।

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उसकी सहेलियों को तो |
उसकी सहेलियों को तो मेरी खबर भी नहीं और मेरे दोस्त उसके मोहल्ले भर की खबर लिए बैठे हैं।

बातों की बौछार और मेकअप |
बातों की बौछार और मेकअप के बाजार जैसी थी, अक्ल की थोड़ी कच्ची थी, मेरी एक सहेली ऐसी थी।

एक अजीब ही पहेली हैं हम, |
एक अजीब ही पहेली हैं हम, खुद में ही उलझी और खुद की ही सहेली हैं हम।

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उनकी सहेलियां भी मर मिटी हैं, |
उनकी सहेलियां भी मर मिटी हैं, पढ़कर हमारे वह शब्द जो हम उनके लिए लिखा करते थे।

लगे ये सांझ मुझको यों |
लगे ये सांझ मुझको यों जो हो मेरी सहेली, लगे ना जाने कितने ही युगों से हो अकेली।

Meri Saheli Shayari
वक्त की भी अजीब पहेली है, |
वक्त की भी अजीब पहेली है, आज दुश्मन तो कल सहेली है।

करके दिल्लगी वो |
करके दिल्लगी वो ये कहके छोड़ गया, शर्त लगी थी तेरी सहेली से ये शर्त मैं जीत गया।

चलो फिर बारिश को बुलाते हैं, |
चलो फिर बारिश को बुलाते हैं, चलो कागज़ के नाव बनाते हैं, ओ सहेली मेरी बचपन की चलो फिर मौसम को हंसाते हैं।

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