Dillagi Shayari In Hindi We are sharing the latest collection of Dillagi Ki Shayari with Images. Find the best नई दिल्लगी शायरी हिंदी में Photos, Messages, Quotes, Status, Videos on our blog. Feel free to Download and share them on WhatsApp, Facebook, Instagram.
Dillagi Shayari
हम ही उनसे दिल लगा बैठे, |
हम ही उनसे दिल लगा बैठे, वो तो बस हमसे दिल्लगी करने आये थे।

दिल्लगी करते है लोग, |
दिल्लगी करते है लोग, अपने खुद के वजूद से, और कहते हैं मैं हूँ परेशान अपने नसीब से।

Dillagi Shayari in hindi
- कुछ यूँ हुआ हाल दिल्लगी में चोट खाकर,
वफाए फितरत में रह गई और मोहब्बत से वास्ता न रहा। - दिल्लगी कर जिंदगी से, दिल लगा के चल,
जिंदगी है थोड़ी, हमेशा मुस्कुराते चल। - मोहोब्बत एक बार ही होती है,
तुम ने जो की वो दिल्लगी है जो बार बार होती है। - हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन,
अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को। - ये मज़ा था दिल्लगी का कि बराबर आग लगती,
न तुम्हें क़रार होता न हमें क़रार होता। - ना तोल मेरी मोहब्बत को अपनी दिल्लगी से,
देख कर मेरी चाहत को अक्सर तराजू भी टूट जाते हैं। - तुझे हक दिया है मैंने, मेरे साथ दिल्लगी का,
मेरे दिल से खेल जब तक तेरा दिल बहल ना जाए। - धड़कनें बढ़ा गई उसकी जरा सी दिल्लगी,
खुदा करे उसका मजाक ही सच हो जाए। - एक सवाल छोड़ गए आज भी वो मेरे जहन में,
कि ये रिश्ता मोहब्बत का था या सिर्फ़ दिल्लगी। - दिल तोडना किसी का ये जिदंगी नही,
इबादत थी मेरी कोई दिल्लगी नही।
छुपा लूं पूरी दुनिया से आपको, |
छुपा लूं पूरी दुनिया से आपको, आंखो में अपनी कैद कर लूं, कोई ना कर पाए आपसे, इस कदर दिल्लगी कर लूं।

क्यों रहते हो दूर मुझसे, |
क्यों रहते हो दूर मुझसे, कभी पास भी आओ ना, आज तक बस दिल्लगी की तुमने, आज मुझसे दिल लगाओ ना।

फुर्सत मिले तो कभी देखना इन निगाहों मे, |
फुर्सत मिले तो कभी देखना इन निगाहों मे, दिल्लगी नहीं मोहब्बत दिखेगी तुझे।

दिल्लगी शायरी इन हिंदी
उनकी दिल्लगी इश्क़ है, |
उनकी दिल्लगी इश्क़ है, गुनाह है मेरा दिल लगाना।

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दिल्लगी करतें हैं लोग और |
दिल्लगी करतें हैं लोग और भुगतती हैं यें बेबस आँखें, कुसूर होता है दिल का और सज़ा पातीं हैं मुस्कुराहटें।

ये दिल्लगी ना जाने क्यों सताती है, |
ये दिल्लगी ना जाने क्यों सताती है, हम तो इश्क करते हैं, नाजाने वो क्यूं तड़पाती है।

दिल्लगी करतें हैं लोग चुपके-चुपके, |
दिल्लगी करतें हैं लोग चुपके-चुपके, फ़िर मिलते है आपस में छिप-छिपके।

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छोड़कर दिल्लगी उसने कारोबार शुरु कर दी, |
छोड़कर दिल्लगी उसने कारोबार शुरु कर दी, लगता है आज ये आशिक़ समझदार हो गया।

Shayari on Dillagi
जिसे मैंने चाहा दिलो जान से वो |
जिसे मैंने चाहा दिलो जान से वो मुहब्बत नहीं दिल्लगी कर रहा था।

क्या हैं तुझमें ऐसा, |
क्या हैं तुझमें ऐसा, तुझको ना भूल पांऊ, दिल्लगी की सजा हैं, बस यही सोचता हूं।

दिल्लगी करते है लोग, |
दिल्लगी करते है लोग, फिर भी दिल जलाते हैं, जब पराया ही करना होता हैं, तो अपना क्यों बनाते हैं।

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इश्क हो गर तभी हाथ बढाना, |
इश्क हो गर तभी हाथ बढाना, दिल्लगी तो बहुत कर के चले गये।

बरसो बाद पता चला मुझे मेरी कहानी में, |
बरसो बाद पता चला मुझे मेरी कहानी में, प्यार नही सिर्फ दिल्लगी थी।

Dillagi Shayari in hindi
रूहों की रूहानियत में |
रूहों की रूहानियत में दिलों की दिल्लगी में, कहाँ इतना मज़ा है जनाब जो आँखों की गुस्ताखियों में।

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इश्क़ से कुछ इस तरह साथ छुटा, |
इश्क़ से कुछ इस तरह साथ छुटा, की दिल्लगी भी अब बेगानी लगती है।

बेईमान आँखों से भी कोई भा गया, |
बेईमान आँखों से भी कोई भा गया, देखो न मेरा दिल दिल्लगी पे आ गया।

मैंने तो इज़हार मोहब्बत का किया था, |
मैंने तो इज़हार मोहब्बत का किया था, ना जाने क्यूँ तुमने दिल्लगी समझ लिया।

करते रहे वो दिल्लगी |
करते रहे वो दिल्लगी न देखा कितनी दिल को लगी।

Dillagi Poetry
दिल्लगी करते है लोग, |
दिल्लगी करते है लोग, यहां दिल बहलाने को, कौन वादा करता है यहां ज़िन्दगी भर निभाने को।

मोहब्बत में उस दौर से गुज़रा है ये दिल, |
मोहब्बत में उस दौर से गुज़रा है ये दिल, के फिर दिल्लगी करना है मुश्किल।

जिसे जानता नहीं वो शख्स |
जिसे जानता नहीं वो शख्स क्यों अपना सा लगता है, है ये दिल्लगी या पिछले जन्म का रिश्ता है।

अभी तक तो बस दिल्लगी पर लिखता हूं, |
अभी तक तो बस दिल्लगी पर लिखता हूं, कोई करे मोहब्बत तो पल पल पर लिखूं।

मोहब्बत के नाम पर ज़माने में |
मोहब्बत के नाम पर ज़माने में दिल्लगी करते हैं लोग, रूह से कोई वास्ता नहीं यहाँ जिस्म की बंदगी करते हैं लोग।

Dillagi status in hindi
न जाने क्यों तुम्हें अपना मानता हूँ मैं, |
न जाने क्यों तुम्हें अपना मानता हूँ मैं, दिल्लगी तो न थी ये जानता हूँ मैं।

नयी यादों की जरुरत नहीं पड़ती उन्हें, |
नयी यादों की जरुरत नहीं पड़ती उन्हें, जिनकी पुराने ज्खमों के साथ दिल्लगी हो।

तुम नही आये तभी तो हमको आना पड़ गया, |
तुम नही आये तभी तो हमको आना पड़ गया, दिल्लगी की थी नही पर दिल लगाना पड़ गया।

दर्द कहीं और था |
दर्द कहीं और था वो दिल की दवा दे गए, बीमार फिर दिल हुआ तो दिल्लगी कर चले गए।

प्यार व्यार कुछ नहीं होता साहब, |
प्यार व्यार कुछ नहीं होता साहब, या तो मजबूरियाँ होती है या फिर दिल्लगी।

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